1 रूस की 1917 की अक्टूबर क्रांति का क्या परिणाम हुआ?

1 रूस की 1917 की अक्टूबर क्रांति का क्या परिणाम हुआ?

इसे सुनेंरोकेंसन 1917 की रूस की क्रान्ति विश्व इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसके परिणामस्वरूप रूस से ज़ार के स्वेच्छाचारी शासन का अन्त हुआ तथा रूसी सोवियत संघात्मक समाजवादी गणराज्य (Russian Soviet Federative Socialist Republic) की स्थापना हुई। यह क्रान्ति दो भागों में हुई थी – मार्च 1917 में, तथा अक्टूबर 1917 में।

रूस की 1917 की समाजवादी क्रांति के बाद क्या अस्तित्व में आया?

इसे सुनेंरोकेंरूस की महान अक्टूबर समाजवादी क्रांति (रूसी: Великая Октябрьская социалистическая революция, वेलीकया ओक्त्याब्र्स्कया सोत्सिअलिस्तीचेस्कया रेवोल्यूत्सिया) – सन् 1917 में रूस में हुई क्रांति, जिस के फल्स्वरूप रूसी रोमानोव वंश की तीन सौ साल की राजशाही का अंत हुआ और संसार के इतिहास में मज़दूरों और किसानों का पहला राज्य – …

1917 के रूसी क्रांति के परिणाम क्या थे?

इसे सुनेंरोकेंरूसी क्रांति के परिणाम निरंकुश जारशाही का अंत , लेनिन के नेतृत्व में समाजवादी एवं वर्गविहीन राज्य का गठन किया गया | प्रथम विश्व युद्ध से रूस का अलग होना | पूंजीवादी अवधारणा एवं उपनिवेशवाद का विरोध , समाजवाद का प्रारम्भ हो गया |

रूस की क्रांति के क्या परिणाम हुए थे?

इसे सुनेंरोकेंरूसी क्रांति के परिणामस्वरूप सर्वप्रथम निरंकुश-तंत्र, अभिजात वर्ग और चर्च की शक्ति का अंत हो गया। ज़ार के राज्य का अंत कर उसे सोवियत समाजवादी गणराज्य संघ में बदल दिया गया। राज्य की आर्थिक नीतियों को समाजवादी आदर्शों के माध्यम से चलाने का प्रयास किया गया।

बोल्शेविकों ने अक्टूबर क्रांति कौन कौन से प्रमुख परिवर्तन किए?

इसे सुनेंरोकेंबोल्शेविकों ने अक्तूबर क्रांति के फौरन बाद कौन-कौन-से प्रमुख परिवर्तन किए? (क) बोल्शेविक निजी संपत्ति के पक्षधर नहीं थे अतः अधिकतर उद्योगों एवं बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया। (ख) भूमि को सामाजिक संपत्ति घोषित कर दिया गया और किसानों को उस भूमि पर कब्जा करने दिया गया जिस पर वे काम करते थे।

बोल्शेविक ओने अक्टूबर क्रांति के फौरन बाद कौन से प्रमुख परिवर्तन किए?

इसे सुनेंरोकेंबोल्शेविकों ने अक्तूबर क्रांति के फ़ौरन बाद निम्नलिखित प्रमुख परिवर्तन किए : (क) नवंबर 1917 में अधिकांश लोग तथा बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया । फल स्वरुप इन का स्वामित्व एवं प्रबंधन सरकार के हाथों में आ गया। (ख) भूमि को सामाजिक संपत्ति घोषित कर दिया गया।